Startup Quote

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1. “I’ve missed more than 9,000 shots in my career. I’ve lost almost 300 games. 26 times I’ve been trusted to take the game winning shot and missed. I’ve failed over and over and over again in my life and that is why I succeed.”  Michael Jordan, NBA Legendary Basketball MVP

2. “Chase the vision, not the money; the money will end up following you.”  –Tony Hsieh, Zappos CEO

3. “The critical ingredient is getting off your butt and doing something. It’s as simple as that. A lot of people have ideas, but there are few who decide to do something about them now. Not tomorrow. Not next week. But today. The true entrepreneur is a doer, not a dreamer.”  Nolan Bushnell, Entrepreneur

4. “Your work is going to fill a large part of your life, and the only way to be truly satisfied is to do what you believe is great work. And the only way to do great work is to love what you do.”  Steve Job, Co-Founder, Chairman and CEO, Apple

5. “It’s almost always harder to raise capital than you thought it would be, and it always takes longer. So plan for that.”  Richard Harroch, Venture Capitalist and Author

6. “Ideas are easy. Implementation is hard.”  –Guy Kawasaki, Alltop Co-Founder and Entrepreneur

7. “Any time is a good time to start a company.”  –Ron Conway, Noted Startup Investor, SV Angel

9. “The secret to successful hiring is this: look for the people who want to change the world.”  –Marc Benioff, Salesforce CEO

10. “I skate to where the puck is going to be, not where it has been.”  –Wayne Gretzy, Hockey Star


11. “If you’re going through hell, keep going.”  –Winston Churchill, British Prime Minister

12. “Ideas are commodity. Execution of them is not.”  –Michael Dell, Dell Chairman and CEO

13. “I knew that if I failed I wouldn’t regret that, but I knew the one thing I might regret is not trying.”  –Jeff Bezos, Amazon Founder and CEO

14. “If you are not embarrassed by the first version of your product, you’ve launched too late.”  –Reid Hoffman, LinkedIn Co-Founder and Venture Capitalist

15. “The way to get started is to quit talking and start doing.”  –Walt Disney, Co-Founder, Disney

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सफल जीवन के उदेश्य

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सफल जीवन के उदेश्य


on कैसे हों सफल

अपने जीवन के उदेश्य को जानना और उसे प्राप्त करने के लिए ढृढ आत्मविशवास रखना, यही सफलता की ओर पहला कदम है। यह अदम्य विचार कि मै अवश्य सफल होऊंगा और उस पर पूरा विश्‍वास ही सफलता पाने का मूल मंत्र है। याद रखिए! विचार संसार की सबसे महान शक्ति है यही कारण है कि सफलता (Success) पाने वाले लोग पूर्ण आत्मविशवास रखते हुए अपने कर्मो को पूरी कुशलता से करते हैं, दुसरों की सफलता (Success) के लिए भी वे सदा प्रयत्‍नशील रहते हैं।

प्रत्येक विचार, प्रत्येक कर्म का फल अवश्य मिलता है, अच्छे का अच्छा और बुरे का बुरा। यही प्रकृति का नियम है। इसमे देर हो सकती है पर अंधेर नहीं। इसलिये यदि आप सफल होना चाहते हैं तो मन में अच्छे विचार रखिए, सद्कर्म कीजिये और जरुरतमंदो की नि:स्वार्थ भाव से सहायता तथा सेवा कीजिये। मार्ग में आने वाली कठिनाइयों, बाधाओं और दूसरों की कटु आलोचनाओं से अपने मन को अशांत न होने दीजिए।
जब अपनी समस्या न सुलझे
जब कोई अपनी समस्या को हल न कर सके तो उसके लिए सब से अच्छा तरीका एक ऐसे व्यक्ति की खोज करना है जिसके पास उससे भी अधिक समस्यायें हों, और तब वह उन्हें हल करने में उस की सहायता करे। आप की समस्या का हल अपने आप आपको मिल जाएगा। चौंकिये मत, इसे आजमाइये।
कैसे हों सफलबीज और फल अलग अलग नही
विश्‍व प्रसिद्ध विचारक इमर्सन ने ठीक ही कहा है कि – “प्रत्येक कर्म अपने में एक पुरुस्कार है। यदि कर्म भली प्रकार से किया गया होगा और शुभ होगा, तो निश्‍चय ही उस का फल भी शुभ होगा। इसी प्रकार गलत तरीके से किया गया अशुभ कर्म हानिकारक होगा।” आप इसे पुरातन पंथ नैतिकता कह सकते हैं, जो कि वास्तव मे यह है। लेकिन, साथ-साथ ही, यह आधुनिक नैतिकता भी है। यह उस समय भी प्रभावशाली था, जब मनुष्य ने पहिये का अविष्कार किया था और भविष्य मे भी प्रभावशाली रहेगी, जब मनुष्य दुसरे गृहों में निवास करने लगेगा। यह नैतिकता से अधिक प्रकृति का क्षतिपूर्ति नियम है। जो जैसा करेगा वैसा भरेगा। वैज्ञानिक दृष्टी से कर्म और फल के रुप मे दर्शाया जा सकता है। जैसे बीज बोओगे वैसे फल पाओगे।
अंधविश्‍वास सफलता (Success) में सबसे बडी बाधक
मनुष्य जीवन भर इस अज्ञानपूर्ण अंधविश्‍वास से चिंतित रहते हैं कि कही उसे कोई धोखा न दे जाय। उसे यह ज्ञान नही होता कि मनुष्य को स्वयं उस के सिवाय कोई दूसरा धोखा नहीं दे सकता, वास्तव में, वह अपने ही मोह और भय के कारण धोखे मे फंसता है। हम भूल जाते हैं कि एक परमशक्ति भी है जो सदैव हर व्यक्ति के साथ रहती है। जब कोइ व्यक्ति किसी से कोइ समझोता या अनुबंध करता है, तो यह परमशक्ति अदृश्य और मौनरुप से एक साक्षी की तरह ‍उपस्थित रहती है।
हम इस दुनिया को धोखा दे सकते हैं पर इस अदृश्य शक्ति को नहीं। इसलिए जो व्यक्ति दूसरों को धोखा दे कर या उस का शोषण करके जो व्यक्ति सफलता (Success) या धन प्राप्त करना चाहता है उसको अन्त मे भयानक परिणामों को भुगतना पडता है। यही कारण है कि संसार के सभी संतों और महापुरुषो ने नि:स्वार्थ कार्य करने पर बल दिया है।
भय सफलता (Success) का दुशमन
सफलता (Success) के मार्ग मे पडने वाली सबसे बडी बाधा हमारा भय ही है, वही हमारा दुशमन है अत: हमे भयभीत नही होना चाहिए। इसको दुर करने के लिए सर्वोत्त्म उपाय यह है कि हम जिस वस्तु, आदमी या परिस्थिति से भयभीत होते है, उसी का बुद्धिमानी पूर्ण साहस से सामना करें। भय के कारणोंं पर विचार कर उन्हे दूर करें और जिस सद्कार्य को करने से भय का अनुभव होता हो उसे परमात्मा पर अटूट श्रद्धा और आत्मविश्‍वास रखते हुए कर डालें। स्मरण रखिए आप का भय कोई दूसरा दूर नहीं कर सकता, वह केवल आप को सलाह दे सकता है, उसे दूर तो आप को ही करना होगा।
जलन से बचिए
ईष्या या जलन से हमारी मानसिक शान्ति भंग होती है जिस के कारण हम अपने कार्यों को पूरी योग्यता से नही कर पाते। इस का परिणाम यह होता है कि कर्म मे न सफलता (Success) मिलती है और न ही मानसिक आनंद। हमें दुसरो की उन्नति या चमक दमक को देख कर जलना नही चाहिए। ईष्या, द्वेष साधारण भाषा मे जलन कहते हैं। सच मे यह जलन हमारी कार्यकुशलता, मानसिक शान्ति और संतुलन को जला डालती है। अत: यदि हम अपने जीवन मे सफलता (Success) पाना चाहते हैं, तो जलन से बचना चाहिए।
वैज्ञानिक-सी सोच
हमारे मस्तिष्क के विचारों में संसार को बदल देने की शक्‍ति है। विचारों की शक्‍ति को एकाग्र करके आप अपने आप जीवन की समस्त बाधाओं और कठिनाईयों को दुर कर वांछित सफलता (Success) प्राप्‍त कर सकते हैं विचारों की शक्‍ति से पहाड को भी हटाया जा सकता है। मनुष्य एक विचारशील प्राणी है, किसी भी कार्य को करने से पहले हमारे मन मे उस को करने का विचार आता है।
यह मानव के विचारों की ही शक्‍ति है, जो आज वह अंतरिक्षयानो के द्धारा ‍ऐसे महान व अदभुत कार्य कर रहा है जिसकी पहले कलपना ही की जा सकती थी। ध्यान रहे, एक मूर्ख और वैज्ञानिक विचारो मे भौतिक अंतर होता है, जहां एक मुर्ख के विचार तर्कहीन और बेतुके होते हैं, वही वैज्ञानिक के विचार तर्कसंगत, व्यवस्थित, तथा प्राकृतिक नियमो पर आधारित होता है। जीवन मे सफल होने के लिए एक वैज्ञानिक के तरह विचार करना अवश्यक होता है।

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तुम्हारे दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो…

23:35 Nayisooch 0 Comments

तुम्हारे दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो…

बुरा मत मानना यदि मैं कहूं कि तुम्हारे ज्यादातर दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो. वे नहीं चाहते कि तुम नाकामियों की बंदिशें तोड़कर आज़ाद हो सको. वे तुम्हें असफल होते देखना चाहते हैं.
ये ज़रूरी नहीं कि वे दिल से ऐसा चाहते हों, लेकिन उनके अवचेतन मन में ये चाह दबी हो सकती है. ध्यान दो, मैंने ये बात तुम्हारे ज्यादातर दोस्तों के बारे में कही है, सारे दोस्तों के बारे में नहीं.
तुम जानते हो, ऐसे लोग वे हैं जो हमेशा ही अपने काम से या अपनी नौकरी से नाराज़ रहते हैं और पूरे समय शिकायतें करते रहते हैं. मैं ऐसे ही दोस्तों के बारे में बात कर रहा हूं. क्या पता तुम्हारे सारे ही दोस्त ऐसे हों, कुछ नहीं भी हो सकते, ये तुम्हें बेहतर पता होगा.


फर्ज़ करो कि तुम अपनी राह पर चलते हुए मेहनत करते हुए एक दिन वह सब पा लेते हो जिसकी तुमने कभी ख्वाहिश की थी. ऐसे में तुम्हारे दोस्तों के मन को कहीं-न-कहीं चोट ज़रूर पहुंचेगी क्योंकि उनके सपने, उनकी ख्वाहिशें, उनकी उम्मीदें भी वही सब था. वे भी उसी जगह पहुंचना चाहते थे जहां तुम पहुंच सके. तुम्हारा सफल होना उन सबको गलत साबित कर देगा, उनकी शिकायतों को नाकाम कर देगा. तुम्हारे सफल होने पर वे जान जाएंगे कि कहीं कुछ था जिसे वे नज़रअंदाज़ कर बैठे, समझ नहीं पाए.
यही वज़ह है कि तुम्हारे दोस्त तुम्हें फेल होते देखना चाहते हैं. वे इसे जानते हों या नहीं जानते हों, वे इसे ज़ाहिर करें या चुप रहें, ये बात उनके चेतन मन में हो या अवचेतन मन में हो – यह सब मायने नहीं रखता. यह महत्वपूर्ण नहीं है. वे यही चाहेंगे कि तुम उनकी शख्सियत का, उनके ही ग्रुप का एक हिस्सा बने रहो.
जब वे तुमसे बेहतर स्थिति में होते हैं तब तक सब ठीक चल रहा होता है. जब तक तुम्हारे नंबर उनके जितने ही आ रहे होते हैं जब तक ठीक चल रहा होता है. जब तक तुम और वे एक साथ फेल हो रहे होते हैं तब तक सब ठीक चल रहा होता है.
हर व्यक्ति चाहे-अनचाहे अपनी जीवनशैली का गुलाम बन जाता है और उसे सुरक्षित रखना चाहता है. जब वह दूसरों को लीक से अलग हटकर चलते या ज्यादा फ़्रीडम पाते देखता है तो विचलित हो जाता है. हर व्यक्ति ऐसा करता है. मैं भी कोई अपवाद नहीं हूं.
अगली दफ़ा जब तुम्हें अपने दोस्तों के सपोर्ट की ज़रूरत महसूस हो या जब तुम्हें अपने दोस्तों से कोई सपोर्ट नहीं मिल पा रहा हो तो इस बात को याद करना कि… तुम्हारे ज्यादातर दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो.
ये बात तुम्हें चाहे मजाकिया लगे या बेहूदा या विसंगतिपूर्ण लगे लेकिन इसमें बहुत हद तक सच्चाई है. हालांकि जो दोस्त काबिल होते हुए भी वक्त-ज़रूरत पर तुम्हारा साथ न दे वह सच्चा दोस्त कहलाने का हकदार नहीं होता. उसे तुम स्वार्थी भी कह सकते हो पर क्या हम सब स्वार्थी नहीं हैं? हम अपने दोस्तों से हमेशा ही यह उम्मीद करते हैं कि वे हर घड़ी हमारे प्रति समर्पित रहें पर क्या हम ऐसा करते हैं? करते भी हैं तो किस सीमा तक करते हैं? हर चीज़ की एक लिमिट होती है.
मैं अपनी बात कहूं तो ये बहुत अजीब पर्सपेक्टिव है. मेरे कुछ दोस्त हैं जो मुझे कामयाब होते देखना चाहते हैं लेकिन उनकी शर्तों, उम्मीदों और सामाजिक दायरे के भीतर. मैं उनकी लाइफ़स्टाइल को फ़ॉलो करूं तो वह सब शायद कभी हासिल न कर सकूं जो मैं पाना चाहता हूं.
मेरी बात का बुरा मत मानना. अंग्रेजी में एक बात कही जाती है “it’s lonely at the top”, मतलब शिखर पर व्यक्ति अकेला रह जाता है. सफल व्यक्ति के साथ भी यही बात है. न केवल शिखर पर बल्कि तयशुदा रास्ते के सिवाय हर जगह व्यक्ति खुद को अकेला ही पाता है. क्या तुम उस अकेलेपन के लिए तैयार नहीं होना चाहोगे?

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