तुम्हारे दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो…

23:35 Nayisooch 0 Comments

तुम्हारे दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो…

बुरा मत मानना यदि मैं कहूं कि तुम्हारे ज्यादातर दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो. वे नहीं चाहते कि तुम नाकामियों की बंदिशें तोड़कर आज़ाद हो सको. वे तुम्हें असफल होते देखना चाहते हैं.
ये ज़रूरी नहीं कि वे दिल से ऐसा चाहते हों, लेकिन उनके अवचेतन मन में ये चाह दबी हो सकती है. ध्यान दो, मैंने ये बात तुम्हारे ज्यादातर दोस्तों के बारे में कही है, सारे दोस्तों के बारे में नहीं.
तुम जानते हो, ऐसे लोग वे हैं जो हमेशा ही अपने काम से या अपनी नौकरी से नाराज़ रहते हैं और पूरे समय शिकायतें करते रहते हैं. मैं ऐसे ही दोस्तों के बारे में बात कर रहा हूं. क्या पता तुम्हारे सारे ही दोस्त ऐसे हों, कुछ नहीं भी हो सकते, ये तुम्हें बेहतर पता होगा.


फर्ज़ करो कि तुम अपनी राह पर चलते हुए मेहनत करते हुए एक दिन वह सब पा लेते हो जिसकी तुमने कभी ख्वाहिश की थी. ऐसे में तुम्हारे दोस्तों के मन को कहीं-न-कहीं चोट ज़रूर पहुंचेगी क्योंकि उनके सपने, उनकी ख्वाहिशें, उनकी उम्मीदें भी वही सब था. वे भी उसी जगह पहुंचना चाहते थे जहां तुम पहुंच सके. तुम्हारा सफल होना उन सबको गलत साबित कर देगा, उनकी शिकायतों को नाकाम कर देगा. तुम्हारे सफल होने पर वे जान जाएंगे कि कहीं कुछ था जिसे वे नज़रअंदाज़ कर बैठे, समझ नहीं पाए.
यही वज़ह है कि तुम्हारे दोस्त तुम्हें फेल होते देखना चाहते हैं. वे इसे जानते हों या नहीं जानते हों, वे इसे ज़ाहिर करें या चुप रहें, ये बात उनके चेतन मन में हो या अवचेतन मन में हो – यह सब मायने नहीं रखता. यह महत्वपूर्ण नहीं है. वे यही चाहेंगे कि तुम उनकी शख्सियत का, उनके ही ग्रुप का एक हिस्सा बने रहो.
जब वे तुमसे बेहतर स्थिति में होते हैं तब तक सब ठीक चल रहा होता है. जब तक तुम्हारे नंबर उनके जितने ही आ रहे होते हैं जब तक ठीक चल रहा होता है. जब तक तुम और वे एक साथ फेल हो रहे होते हैं तब तक सब ठीक चल रहा होता है.
हर व्यक्ति चाहे-अनचाहे अपनी जीवनशैली का गुलाम बन जाता है और उसे सुरक्षित रखना चाहता है. जब वह दूसरों को लीक से अलग हटकर चलते या ज्यादा फ़्रीडम पाते देखता है तो विचलित हो जाता है. हर व्यक्ति ऐसा करता है. मैं भी कोई अपवाद नहीं हूं.
अगली दफ़ा जब तुम्हें अपने दोस्तों के सपोर्ट की ज़रूरत महसूस हो या जब तुम्हें अपने दोस्तों से कोई सपोर्ट नहीं मिल पा रहा हो तो इस बात को याद करना कि… तुम्हारे ज्यादातर दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो.
ये बात तुम्हें चाहे मजाकिया लगे या बेहूदा या विसंगतिपूर्ण लगे लेकिन इसमें बहुत हद तक सच्चाई है. हालांकि जो दोस्त काबिल होते हुए भी वक्त-ज़रूरत पर तुम्हारा साथ न दे वह सच्चा दोस्त कहलाने का हकदार नहीं होता. उसे तुम स्वार्थी भी कह सकते हो पर क्या हम सब स्वार्थी नहीं हैं? हम अपने दोस्तों से हमेशा ही यह उम्मीद करते हैं कि वे हर घड़ी हमारे प्रति समर्पित रहें पर क्या हम ऐसा करते हैं? करते भी हैं तो किस सीमा तक करते हैं? हर चीज़ की एक लिमिट होती है.
मैं अपनी बात कहूं तो ये बहुत अजीब पर्सपेक्टिव है. मेरे कुछ दोस्त हैं जो मुझे कामयाब होते देखना चाहते हैं लेकिन उनकी शर्तों, उम्मीदों और सामाजिक दायरे के भीतर. मैं उनकी लाइफ़स्टाइल को फ़ॉलो करूं तो वह सब शायद कभी हासिल न कर सकूं जो मैं पाना चाहता हूं.
मेरी बात का बुरा मत मानना. अंग्रेजी में एक बात कही जाती है “it’s lonely at the top”, मतलब शिखर पर व्यक्ति अकेला रह जाता है. सफल व्यक्ति के साथ भी यही बात है. न केवल शिखर पर बल्कि तयशुदा रास्ते के सिवाय हर जगह व्यक्ति खुद को अकेला ही पाता है. क्या तुम उस अकेलेपन के लिए तैयार नहीं होना चाहोगे?

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