सच्चा सुख

10:36 Nayisooch 1 Comments

                                                    सच्चा सुख 

एक युवक जो कि एक विश्वविद्यालय का विद्यार्थी था, एक दिन शाम के समय एक प्रोफ़ेसर साहब के साथ 
टहलने निकला हुआ था। यह प्रोफ़ेसर साहब सभी विद्यार्थियों के चहेते थे और विद्यार्थी भी उनकी दयालुता के 
कारण उनका बहुत आदर करते थे। टहलते-टहलते वह विद्यार्थी प्रोफ़ेसर साहब के साथ काफ़ी दूर तक निकल 
गया और तभी उन दोनों की दृष्टि एक जोड़ी फटे हुए जूतों पर पड़ी। उन दोनों को वह जूते एक गरीब किसान के 
लगे जो कि पास के ही किसी खेत में मजदूरी कर रहा था और बस आने ही वाला था। 
वह विद्यार्थी प्रोफ़ेसर साहब की ओर मुड़ा और बोला, " आइये इन जूतों को छुपा देते हैं। और फिर हम लोग इन 
झाड़ियों के पीछे छुप जाते हैं। जब वह किसान काम करके वापस आएगा और अपने जूतों को ढूंढेगा तो उसे 
परेशान होकर इधर-उधर ढूंढ़ता देखने पर कितना मज़ा आएगा।"
                                           
इस पर प्रोफेसर साहब बोले, " मेरे प्यारे दोस्त ! हमें कभी भी किसी गरीब को दुखी करके ख़ुश नहीं होने चाहिए।
तुम तो काफ़ी अमीर हो और तुम्हें अच्छा ख़ासा जेब खर्च मिलता है। तुम एक काम करो ! इन दोनों जूतों में 
तुम बीस-बीस रुपये डाल  दो। और फ़िर हम लोग देखेंगे कि जब किसान को यह पैसा मिलेगा तो तुम्हें कैसा 
महसूस होता है। " उस विद्यार्थी ने ठीक वैसा ही किया और फ़िर दोनों पास की एक झाड़ी के पीछे छुप गए।
जल्दी ही उस गरीब किसान का काम समाप्त हो गया और वह लौट कर वहीँ आया जहाँ उसने अपने फटे पुराने 
जूते उतारे थे। जैसे ही उसने एक पैर जूते में डाला, उसे लगा कि पैर में कोई कागज़ सा छू रहा है। जब उसने 
जूते में हाथ डालकर देखा तो एक बीस रुपये का नोट पाया। उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव स्पष्ट रूप से दिख 
रहे थे। उसने बीस रुपये के नोट को उलट पलट के देखा कि कहीं वह नकली तो नहीं था। फिर उसने चारों  ओर देखा कि शायद कोई दिख जाये, किन्तु कोई दिखाई न दिया। अब उसने वह नोट अपनी जेब में रख लिया 
और अपना पैर दूसरे जूते में डाला, किन्तु दूसरे में भी एक और नोट पाकर उसका आश्चर्य दुगना हो गया।
अब उसका अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना अत्यंत कठिन हो गया। वह अपने घुटनों के बल बैठ गया
और उसके दोनों हाथ अकस्मात् आकाश की और उठ गए। उसने आकाश की ओर देखा और ईश्वर के प्रति
कृतज्ञता और धन्यवाद के शब्द मानो बरबस ही उसके मुख से फूट निकले। वह दिल खोलकर बोला अपनी 
अस्वस्थ और असहाय पत्नी के बारे में जिसका अब वह इलाज करा पायेगा। वह बोला अपने भूख से बिलबिलाते 
बच्चों के बारे में जिनको वह आज भरपेट भोजन करवा पाएगा।
झाड़ियों  के पीछे वह विद्यार्थी और प्रोफ़ेसर सब कुछ सुन रहे थे और उन दोनों की आँखों में ख़ुशी के आँसू थे।
प्रोफ़ेसर ने विद्यार्थी से कहा, "अब बताओ यदि तुम उस गरीब किसान के फटे जूते छुपा देते तब तुम्हें ज़्यादा
ख़ुशी मिलती या अब ज़्यादा ख़ुशी मिलती ?"
इस पर वह विद्यार्थी बोला, "आज आपने मुझे एक ऐसी शिक्षा दी है जो की मैं जीवन में कभी नहीं भूल पाउँगा।
और, यह मैं यह पहले कभी नहीं समझ पाया था कि, जो सुख देने में है वह लेने में नहीं।

1 comments:

असफलता सफलता से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है

10:34 Nayisooch 0 Comments

                         असफलता सफलता से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है


सभी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब सभी चीज़ें आपके विरोध में हो रहीं हों | चाहें आप एक प्रोग्रामर हैं या कुछ और, आप जीवन के उस मोड़ पर खड़े होता हैं जहाँ सब कुछ ग़लत हो रहा होता है| अब चाहे ये कोई सॉफ्टवेर हो सकता है जिसे सभी ने रिजेक्ट कर दिया हो, या आपका कोई फ़ैसला हो सकता है जो बहुतभयानक साबित हुआ हो |
लेकिन सही मायने में, विफलता सफलता से ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है | हमारे इतिहास में जितने भी बिजनिसमेन, साइंटिस्ट और महापुरुष हुए हैं वो जीवन में सफल बनने से पहले लगातार कई बार फेल हुए हैं | जब हम बहुत सारे कम कर रहे हों तो ये ज़रूरी नहीं कि सब कुछ सही ही होगा| लेकिन अगर आप इस वजह से प्रयास करना छोड़ देंगे तो कभी सफल नहीं हो सकते |
हेनरी फ़ोर्ड, जो बिलियनेर और विश्वप्रसिद्ध फ़ोर्ड मोटर कंपनी के मलिक हैं | सफल बनने से पहले फ़ोर्ड पाँच अन्य बिज़निस मे फेल हुए थे | कोई और होता तो पाँच बार अलग अलग बिज़निस में फेल होने और कर्ज़ मे डूबने के कारण टूट जाता| लेकिन फ़ोर्ड ने ऐसा नहीं किया और आज एक बिलिनेअर कंपनी के मलिक हैं |
अगर विफलता की बात करें तो थॉमस अल्वा एडिसन का नाम सबसे पहले आता है| लाइट बल्व बनाने से पहले उसने लगभग 1000 विफल प्रयोग किए थे |
अल्बेर्ट आइनस्टाइन जो 4 साल की उम्र तक कुछ बोल नहीं पता था और 7 साल की उम्र तक निरक्षर था | लोग उसको दिमागी रूप से कमजोर मानते थे लेकिन अपनी थ्ओरी और सिद्धांतों के बल पर वो दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट बना |
अब ज़रा सोचो की अगर हेनरी फ़ोर्ड पाँच बिज़नेस में फेल होने के बाद निराश होकर बैठ जाता, या एडिसन 999 असफल प्रयोग के बाद उम्मीद छोड़ देता और आईन्टाइन भी खुद को दिमागी कमजोर मान के बैठ जाता तो क्या होता?
हम बहुत सारी महान प्रतिभाओं और अविष्कारों से अंजान रह जाते |
तो मित्रों, असफलता सफलता से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है…..

 

0 comments:

Home

21:47 Nayisooch 0 Comments

हवाई लक्ष्य – Make SMART Goals Famous Zen Story in Hindi

कहीं आपके लक्ष्य तो आपको असफलता की ओर नहीं ले जा रहे – Make SMART Goals Famous Zen Story in Hindi

हम में से ज्यादातर लोगों ने कहीं न कहीं यह पढ़ा है कि हमें लक्ष्य बनाने चाहिए और लक्ष्य S.M.A.R.T. होना चाहिए- SMART लक्ष्य का मतलब है –
  • Specific(स्पष्ट)
  • Measurable (मापां जा सकने योग्य)
  • Achievable (प्राप्त किया जा सके)
  • Realistic (वास्तविक)
  • Time-Bound (निर्धारित समय सीमा में पूरा होने लायक)
लेकिन हम में से ज्यादात्तर लोगों की समस्या यह है कि हमारे पास पर्याप्त समय होते हुए भी हम लक्ष्य को जल्दी से जल्दी प्राप्त करना चाहते है या फिर ऐसे लक्ष्य बना लेते है जो व्यावहारिक नहीं होते और उन्हें पूरा करने के लिए हमें दिन रात एक करना होता है| हम ऐसे लक्ष्य तो बना लेते है लेकिन अन्दर ही अन्दर हमें ऐसा लगता है कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते और इसका नतीजा यह होता है कि हम एक दो दिन तो उस लक्ष्य के लिए जी तोड़ मेहनत करते है लेकिन एक दो दिन के बाद हमें वह लक्ष्य एक परेशानी लगने लगती है|
     हवाई लक्ष्य कभी समय पर पूरे नहीं होते – Famous Zen Story in Hindi – हिंदी कहानी   शस्त्र विद्या का एक विद्यार्थी अपने गुरु के पास गया। उसने अपने गुरु से विनम्रतापूर्वक पूछा – “मैं आपसे शस्त्र विद्या सीखना चाहता हूँ। इसमें मुझे पूरी तरह निपुण होने में कितना समय लगेगा?” गुरु ने कहा – “10वर्ष।” विद्यार्थी ने फ़िर पूछा – “लेकिन मैं इससे भी पहले इसमें निपुण होना चाहता हूँ। मैं कठोर परिश्रम करूँगा। मैं प्रतिदिन अभ्यास करूँगा भले ही मुझे 15 घंटे या इससे भी अधिक समय लग जाए। तब मुझे कितना समय लगेगा?” गुरु ने कुछ क्षण सोचा, फ़िर बोले – “20 वर्ष।”   गुरु का यह कथन हमारी जिंदगी में भी लागू होता है| यह मनुष्य की स्वभाविक प्रकृति है कि अगर वह जैसा सोचता है वैसा नहीं होता तो वह दुःखी हो जाता है| जब हम अपने द्वारा बनाये हुए लक्ष्य (TARGET) को ही पूरा नहीं कर पाते तो हमारा आत्मविश्वास डगमगाने लगता है| जब हमारे लक्ष्य पूरे होते दिखाई नहीं देते तो हमारे पास दो उपाय होता है – या तो लक्ष्य को बदल दो और या फिर समय सीमा को बढ़ा दो| ये दोनों ही उपाय हमारे आत्मविश्वास को कम कर देते है इसलिए बेहतर यही होता है लक्ष्य व्यावहारिक होने चाहिए| कबीर दास जी का एक दोहा काफी प्रचलित है – “धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय|” अर्थ:- कबीर दास जी कहते है कि हमेशा धैर्य से काम लेना चाहिए| अगर माली एक दिन में सौ घड़े भी सींच लेगा तो भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेंगे|   इसलिए बेहतर यही है कि धैर्य से काम लिया जाए और व्यावहारिक लक्ष्य रखें जाएँ क्योंकि जब आप अपने छोटे से छोटे लक्ष्य को भी हासिल कर लेते है तो यह आपका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ा देता है जिससे हमारी कार्यक्षमता बढ़ जाती है और हम तय लक्ष्य से ज्यादा हासिल कर पाते है|

0 comments:

Quotes

21:39 Nayisooch 0 Comments

सुकरात (Socrates) यूनान के एक विख्यात दार्शनिक थे। ज्ञान का संग्रह और प्रसार, ये ही इनके जीवन के मुख्य लक्ष्य थे।
Quote 1 : आलस्य में जीवन बिताना आत्महत्या के समान है।

Quote 2 : शादी या ब्रह्मचर्य, आदमी चाहे जो भी रास्ता चुन ले, उसे बाद में पछताना ही पड़ता है।

Quote 3 : दोस्ती करने में धीमे रहिये, पर जब कर लीजिये तो उसे मजबूती से निभाइए और उस पर स्थिर रहिये।

Quote 4 : चाहे जो हो जाये शादी कीजिये। अगर अच्छी पत्नी मिली तो आपकी ज़िन्दगी खुशहाल रहेगी, अगर बुरी पत्नी मिलेगी तो आप दार्शनिक बन जायेंगे।

Quote 5 : जीवनभर ज्ञानार्जन के बाद मैं केवल इतना ही जान पाया हूं कि मैं कुछ भी नहीं जान पाया हूं।

Quote 6 : जहाँ सम्मान है वहां डर है, पर ऐसी हर जगह सम्मान नहीं है जहाँ डर है, क्योंकि संभवतः डर सम्मान से ज्यादा व्यापक है।
  
Quote 7 : अधिकतर आपकी गहन इच्छाओं से ही घोर नफरत पैदा होती है।
   
Quote 8 : एक ईमानदार आदमी हमेशा एक बच्चा होता है।
               
Quote 9 : मृत्यु संभवतः मानवीय वरदानो में सबसे महान  है।
                  
Quote 10 : सौंदर्य एक अल्पकालिक अत्याचार है।
   
Quote 11 : ज़िन्दगी नहीं, बल्कि एक अच्छी ज़िन्दगी को महत्ता देनी चाहिए।
       
Quote 12 : मूल्यहीन व्यक्ति केवल खाने और पीने के लिए जीते हैं; मूल्यवान व्यक्ति केवल जीने के लिए खाते और पीते हैं।
           
Quote 13 : हर व्यक्ति की आत्मा अमर होती है, लेकिन जो व्यक्ति नेक होते हैं उनकी आत्मा अमर और दिव्य होती है।
            
Quote 14 : हमारी प्रार्थना बस सामान्य रूप से आशीर्वाद के लिए होनी चाहिए, क्योंकि भगवान जानते हैं कि हमारे लिए क्या अच्छा है।
                   
Quote 15 : मैं सभी जीवित लोगों में सबसे बुद्धिमान हूँ, क्योंकि मैं ये जानता हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता हूँ।
             
Quote 16 : इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वो बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं।
             
Quote 17 : जहाँ तक मेरा सवाल है, मैं बस इतना जानता हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता।
         
Quote 18 : अपना समय औरों के लेखों से खुद को सुधारने में लगाइए, ताकि आप उन चीजों को आसानी से जान पाएं जिसके लिए औरों ने कठिन मेहनत की है।  
           
Quote 19 : झूठे शब्द सिर्फ खुद में बुरे नहीं होते,बल्कि वो आपकी आत्मा को भी बुराई से संक्रमित कर देते हैं।            
Quote 20 : सिर्फ जीना मायने नहीं रखता, सच्चाई से जीना मायने रखता है।

             
Quote 21 : वो सबसे धनवान है जो कम से कम में संतुष्ट है, क्योंकि संतुष्टि प्रकृति कि दौलत है।
              
Quote 22 : सच्चा ज्ञान केवल यह जानने में है की आप कुछ नहीं जानते है।
    
Quote 23 : बुद्धि आश्चर्ये में शुरू होती है।
        
Quote 24 : बिना जांचे हुए जीवन का कोई मूल्य नहीं है।

Quote 25 : ना मैं एथेनियन और न ही एक ग्रीक, बल्कि मैं विशव का एक नागरिक हूँ।
      
Quote 26 : वो दूसरों के साथ कभी ना करे जो यदि दूसरा आप के साथ करे तो आपको गुस्सा आए।
  
Quote 27 : प्रत्येक कार्ये की अपनी ख़ुशी और अपना मूल्य होता हैं।

Quote 28 : केवल एक अच्छाई है ज्ञान और एक बुराई है अज्ञान।
             
Quote 29 :  स्वयं को जानने के लिए स्वयं के बारे में सोचो।

Quote 30 : मजबूत दिमाग वाले विचारों  पर, साधारण दिमाग वाले घटनाओ पर जबकि निम्न दिमाग वाले लोगों पर चर्चा करते हैं।
          
Quote 31 : शिक्षा एक लौ जलाने के समान है नाकि एक बहुत बड़ा बरतन भरने के समान।

Quote 32 : हम उस बच्चे को आसानी से माफ़ कर सकते है जो की अँधेरे से डरता है; लेकिन जीवन की वास्तविक त्रासदी तब है जब आदमी प्रकाश से डरने लग जाए।

Quote 33 : ईर्ष्या आत्मा का अल्सर है।
 
Quote 34 : किसी प्रशन को समझ लेना आधा उत्तर है।

Quote 35 : व्यस्त ज़िन्दगी की दरिद्रता से सावधान रहो।

Quote 36 : सबसे गर्मजोशी वाले प्यार का सबसे ठंडा अंत होता है।

Quote 37 : किसी से भी मिलते वक़्त आवशयकता से अधिक अच्छे रहो।  प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी तरह का युद्ध लड़ रहा है।

Quote 38 : जीने के लिए खाना चाहिए ना की खाने के लिए जीना चाहिए।

Quote 39 : यदि आप एक अच्छे काठ साज़ बनना चाहते है तो सबसे खराब घोड़े की काठ बनाए ; यदि आप ने उस एक को वश में कर लिया तो आप सब को वश में कर सकते है।

Quote 40 : सबसे आसान और विनर्म तरीका यह है की आप दुसरो को कुचले नहीं बल्कि खुद में सुधार करे।

Quote 41 : संसार को चलाने के लिए पहले हमें स्वयं को चलना होगा।

Quote 42 : दिमाग सब कुछ है; आप जो सोचते है वो बन जाते हैं

Quote 43 : एक गलत विचार का समर्थन जारी रखने से अच्छा है आप अपनी राय बदल लें।

Quote 44 : ख़ुशी का रहस्य  ज्यादा पाने में नहीं बल्कि थोड़े का आनंद लेने की क्षमता विकसित करने में है।

Quote 45 : मैं किसी को भी कुछ नहीं सीखा सकता हूँ, मैं उन्हें केवल सोचने लायक बना सकता हूँ।

0 comments:

सुविचार संग्रह जो आपकी जिंदगी में बदलाव लाने में सहायक होंगे

16:24 Nayisooch 0 Comments

 

1 .प्रकृति का नियम है ,”जो चीज आपके मन मैं भरी है ,आप उसे बड़ी तेजी से आकृष्ट करेंगे | यदि आपका मन दरिद्रता के डर से भरा है तो इसका मतलब यही होता है की आप बड़ी तेजी से दरिद्रता को अपनी ओर आकृष्ट करने की शक्ति रखते है | और यदि आपके मन मैं अमीर बनने की सोच भरी है तो याद रखिये वह आपको अवश्य प्राप्त होगी |
2 .यदि आपका मन महत्वाकांक्षाओं और उत्साह से भरा है ,तो आपके सारे भण्डार भर जायेंगे | आपकी प्रत्येक ईक्षा की पूर्ती होगी |
3. आप इस संसार को अपने प्रयासों से ही स्वर्ग और अपनी अकर्मण्यता से नरक बना सकते है | परन्तु सत्य तो यह है की विश्व में प्रत्येक दिशा में सफलताएँ आपकी प्रतीक्षा कर रही है | भयभीत मत होइए ,किसी भी चुनौती से मत डरिये ,आपके अंदर यदि आत्मविश्वास ,धेर्य व विवेक होगा तो कोई शक्ति नही जो आपको सफल होने से रोक सके |
4. आपमें वह शक्ति है जो आपकी हाँथ की रेखाएँ भी बदल सकती है |
5. सच बात तो यह है की ,जीवन के सारे दुखों का एक ही कारण है ……वह है चिंता …! कष्ट आने से पहले बार-बार उसकी आशंका की आदत छोड दे ,तो हमारे कष्ट अपने आप ही दूर हो जायेंगे |
6. विश्वास ही मनुष्य के जीवन में उज्जवल ज्योति है जो इसके ईश्वरत्व का प्रभाव है | इसका आभाव जीवन के दु:खों ,आपत्तियों और अधिकांशतः असफलताओं का कारण बनता है |
7. वह मनुष्य निश्चित ही खुश रहता है जो हँसता है अपने आप हँसता है और स्वयँ को भाग्यशाली समझता है |
8. चेम्सफोर्ड का कहना है की उस दिन को बेकार ही समझो जिस दिन तुम हँसे नही |”
9. जो स्वयं अपने आप को संदेह से घेरे बैठा है वह किसी विशाल सफलता की प्राप्त को असंभव मानता है |
10. “धनी कौन बन सकता है ?” उत्तर है ,”वही व्यक्ति धनी हो सकता है जो अपने विचार और कर्म को महान कार्यों में लगाता है | अपरिमित प्रयत्न और चेष्टा करता है | और जो जितनी अधिक चेष्टा (ईक्षा) करेगा उसे उतनी ही प्राप्ति होगी | जैसे – चक्की में जितना अनाज डालते है उतना ही आटा प्राप्त होता है | ठीक इसी प्रकार यदि आप अपनी ईक्षा को मनचाहे उद्देश्य और धन की प्राप्ति में लगा दें तो निश्चय ही आपको वह प्राप्त होगा |
11. हमें अपने मन में विशाल धन और सुख पाने का विचार करना चाहिए | उसे प्राप्त करने के लिए प्रयत्न करना चाहिए | उसके बाद ही हम उसे प्राप्त करने में सफल हो सकते है |
12 .गरीबी का विचार ,वर्तमान में जैसे चल रहा है उससे अधिक प्राप्ति को असंभव समझना | आदि ऐसे विचार है | जो आपको दिन प्रतिदिन दयनीय स्थिति की ओर घसीटते चले जायेंगे | क्योंकि जैसा आप सोचेंगे वैसे ही प्रयास करेंगे | दरअसल आभावों से घिरा व्यक्ति कभी भी विशाल धन  सम्पदा को प्राप्त नही कर सकता |
13. आप अपने उद्देश्यों को पाने के लिए जितनी जबरदस्त और उत्तम योजना बनाएगें ,और जितना आप अपने आप को शक्तिशाली समझेंगे ,लक्ष्य उतनी ही तीव्रता से भेद जाएगा |  क्या आपने कभी टॉप के गोलों के बारें में पढ़ा या सुना है ? दरअसल फेकने वाले की प्रबल शक्ति उसे दूर तक जाकर प्रबल प्रहार करने का सामर्थ प्रदान करती है |
14. साहसी व्यक्ति सदैब यह कहता हुआ मिलेगा – की मैं हर कार्य कर सकता हूँ | विपुल धन संपदा मेरी मुट्ठी मैं है | क्योंकि मेरे पास उसे पृथ्वी की परतों से खींच लाने का सामर्थ है | वह पूर्ती के अपरिमित भंडार का अपने को एक अंश मानता है | वह संसार के सभी परिवारों को अपनी विरासत समझता है | और वही ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट रचना है |
15. तुम भाग्यशाली हो ,अपने द्रण विश्वास से अपने मन मैं दावा करो | तुम सम्पन्न हो ,महान हो,शक्तिशाली हो ,तुम्हे सफलता अवश्य मिलेगी | दरअसल इस दुनिया मैं ऐसी कोई भी शक्ति नही है जो हमें रोक सके | उठो और सोचो की श्रष्टा ने तुम्हे किस उद्देश्य की पूर्ती के लिए बनाया है | और देखो की क्या तुम वह कार्य कर रहे हो ? निराशा को त्यागो उठो और महान बनो और महानता कार्यों के साथ अपने जीवन को सफल बनाओ |
16. यदि आप अपने जीवन में कुछ करना,कुछ पाना चाहते है तो सर्वप्रथम अपने विचारों को बदल डालिए | यकीन रखिये यह आपमें एक अभूतपूर्व परिवर्तन लायेंगे जिससे सफलता आपके पास स्वयं चलकर आएगी |
17. व्यक्ति वही बनता है जैसा वह अपने बारें में सोचता है |
18. किपलिंग ने कहा था – की यदि आप देखें की जिस वस्तु का निर्माण करने में आपने बरसों लगा दिए वह नीचे गिरकर पलभर में टूट गयी तो एक बार फिर उसके निर्माण में जुट जाइए |
19. एक बार जब कदम उठाने पर व्यक्ति अपने आप को जान लेता है ,अपनी योग्यता को पहचान जाता है ,तो वह आगे ही बढता जाता है | उसे कोई रोक नही सकता |
20. स्वयँ ईश्वरीय वाक्य है –“मैं उसकी सहायता करूँगा जो अपने लिए जागरूक हो ,मैं उनको सहारा दूंगा जो स्वयँ आगे बढते है |”
21 .इमर्सन का कथन है की “आप द्रण निश्चय और परिश्रम के बल पर किसी भी जगह तक पैदल चलकर पहुँच सकते है | “ परन्तु वे लोग लक्ष्य तक कभी नही पहुँचते जो घोंघों के दल का ही परिक्षण करते है |
और अंततः आपको अपने सुनहरे भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामानाऐ…………Good Luck

 

0 comments:

20 ज़रूरी बातों की लिस्ट – 20 Things to Start Doing

16:05 Nayisooch 0 Comments


                20 ज़रूरी बातों की लिस्ट – 20 Things to Start Doing


20_things_to_start_doing
इंटरनेट पर यह इमेज लिस्ट मिली तो इसे आप लोगों से शेयर करने के बारे में सोचा. इस लिस्ट में हमारे शरीर और मन को स्वस्थ व संपन्न रखने के लिए जिन उपायों के बारे में बताया गया है वे बहुत सामान्य हैं और हमारी पुरानी पीढ़ियों के लोग इन्हें बहुत महत्व देते थे. भागदौड़ भरी व तनावयुक्त आधुनिक जीवनशैली के कारण हम कई अच्छी आदतों को अपना नहीं पाते. ये लिस्ट उन्हीं अच्छी आदतों या बातों का रिमांइडर हैः-
1. दिन भर में कई बार पानी पीजिए. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आपको अनेक रोगों से दूर रख सकता है. दूध वाली उबली चाय एसिडिटी बढ़ाती है. इसके स्थान पर नैचुरल जायके वाली ग्रीन-टी पीजिए.
2. दिन की शुरुआत पौष्टिक नाश्ते से करें. दोपहर का भोजन औसत लें और रात को भरपेट खाने से बचें.
3. अपने भोजन में अनाज और डिब्बाबंद फूड के स्थान पर फलों, सब्जियों और प्राकृतिक आहार को वरीयता दें.
4. सुबह से शाम तक एक ही जगह पर टिककर बैठे न रहें. सुबह या शाम कुछ दूरी तक पैदल चलें और हो सके तो सप्ताह में एक बार तैरने या साइकिल चलाने की आदत डालें.
5. हर समय इंटरनेट, टीवी या मोबाइल से ही चिपके न रहें. अपने पसंदीदा विषयों की किताबों को पढ़ना जारी रखें. अपने बच्चों को किताबों से ज्ञान अर्जित करने के लाभ बताएं.
6. सुखद नींद आपके मनोरंजन से ज्यादा ज़रूरी है. कितना भी काम का दबाव या सीरियल/फिल्म देखने की चाह हो लेकिन अपनी ज़रूरत के हिसाब से 6 से 8 घंटे की नींद ज़रूर लें. रात को दस बजे तक सोने और सुबह सात बजे तक उठ जाने से शरीर व मष्तिष्क को भरपूर आराम मिलता है और आप तरोताज़ा बने रहते हैं.
7. अपने या किसी और के बारे में निगेटिव विचार अपने मन में न लाएं. हर व्यक्ति में कुछ अच्छे की खोज करें और उससे सीखें. उदार और हंसमुख बनें.
8. बीती ताहि बिसार दें. अतीत में घट चुकी बातों और बुरे अनुभवों को अपने ऊपर हावी न होने दें. अपने मन में किसी भी व्यक्ति या घटना से उपजी कड़वाहट को घर न करने दें.
9. छोटी-छोटी खुशियों के पलों की अनदेखी न करें. ज़िंदगी इन्हीं लम्हों से मिलकर बनती है. तुनकमिजाजी भरा व्यवहार आपके प्रियजनों को आपसे दूर करता जाएगा.
10. खुद को किसी से कमतर न आंकें. अपनी या किसी दूसरे व्यक्ति की तुलना किसी और से न करें. प्रयास करें कि किस तरह आप अपनी व अन्य व्यक्तियों की खुशियों व क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं.
11. नियमित योग व ध्यान साधना आपको स्थिर व स्वस्थ रख सकती है. तनाव तथा असंयमित जीवनशैली के कारण उपजी समस्याओं के उपचार के लिए इनके लिए समय निकालिए.
12. टालमटोल करने की आदत से बचिए. यदि किसी छोटे काम को आप सिर्फ दो मिनटों में ही कर सकते हों तो उसे फौरन कर डालिए.
13. प्रोसेस्ड या प्रेज़रवेटिव वाले भोजन और बाहर का खाना खाने की बजाए प्राकृतिक व ऑर्गेनिक आहार को तरजीह दें. अधिक गर्म/ठंडा, अधिक मीठा/नमकीन व अधिक तेल/मसाले वाले भोजन से होनेवाले नुकसान सर्वविदित हैं.
14. अपनी पीठ व गर्दन को एक ही मुद्रा में बैठे रहने के कारण होनेवाली अकड़न से बचाने के लिए कुछ-कुछ अंतराल पर उठकर अपने हाथ-पैर आदि को स्ट्रेच करने की आदत डालिए. इससे आपको कंप्यूटर के कारण होनेवाले कलाई के दर्द व आंखों की जलन में भी आराम मिलेगा.
15. शांत संगीत सुनें. पक्षियों के कलरव को सुननने के लिए शहर के कोलाहल से दूर जाएं. गाएं. गुनगुनाएं.
16. अपने परिवेश को साफ-सुथरा रखें. अपनी डेस्क और टेबल आदि से गैरज़रूरी चीजों व क्लटर को हटा दें.
17. ऐसे वस्त्रादि पहनें जिन्हें पहनने से आपको खुशी मिलती हो. फैशन या दूसरी की ख्वाहिश पूरी करने के लिए अपनी इच्छाओं को दरकिनार न करें.
18. जिन चीजों की आपको ज़रुरत न हो उन्हें या तो बेच दें या किसी और को दें. चीजों को Repair, Reuse या Recycle करने की नीति का पालन करें.
19. हमेशा आशान्वित रहें कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं वह सबके हित में होगा. लक्ष्य बनाएं और उसकी प्राप्ति की दिशा में भरसक प्रयास करें. असफलताओं से हताश व निराश न हों.
20. असल ज़िंदगी हमारे घर और comfort zone के बाहर है. पुराने दोस्तों की खोजखबर लें. दुनिया देखें. नए लोगों से मिलें, कुछ नया करें. नई रुचियां विकसित करें… आप जो जानते हों वह दूसरों को सिखाएं.

0 comments:

The Rumor Mill – तीन छन्नियां

12:44 Nayisooch 0 Comments

                                                      The Rumor Mill – तीन छन्नियां

socratesप्राचीन यूनान में सुकरात अपने ज्ञान और विद्वता के लिए बहुत प्रसिद्द था. सुकरात के पास एक दिन उसका एक परिचित व्यक्ति आया और बोला, “मैंने आपके एक मित्र के बारे में कुछ सुना है.”
“दो पल रुको”, सुकरात ने कहा, “मुझे कुछ बताने से पहले मैं चाहता हूँ कि हम एक छोटा सा परीक्षण कर लें जिसे मैं ‘तीन छन्नियों का परीक्षण’ कहता हूँ”.
“तीन छन्नियाँ? कैसी छन्नियाँ?”, परिचित ने पूछा.
“हाँ”, सुकरात ने कहा, “मुझे मेरे मित्र के बारे में कुछ बताने से पहले हमें यह तय कर लेना चाहिए कि तुम कैसी बात कहने जा रहे हो. किसी भी बात को जानने से पहले मैं यह तीन छन्नियों का परीक्षण करता हूँ. इसमें पहली छन्नी सत्य की छन्नी है. क्या तुम सौ फीसदी दावे से यह कह सकते हो कि जो बात तुम मुझे बताने जा रहे हो वह पूर्णतः सत्य है?
“नहीं”, परिचित ने कहा, “दरअसल मैंने सुना है कि…”
“ठीक है”, सुकरात ने कहा, “इसका अर्थ यह है कि तुम आश्वस्त नहीं हो कि वह बात पूर्णतः सत्य है. चलो, अब दूसरी छन्नी का प्रयोग करते हैं जिसे मैं अच्छाई की छन्नी कहता हूँ. मेरे मित्र के बारे में तुम जो भी बताने जा रहे हो क्या उसमें कोई अच्छी बात है?
“नहीं, बल्कि वह तो…”, परिचित ने कहा.
“अच्छा”, सुकरात ने कहा, “इसका मतलब यह है कि तुम मुझे जो कुछ सुनाने वाले थे उसमें कोई भलाई की बात नहीं है और तुम यह भी नहीं जानते कि वह सच है या झूठ. लेकिन हमें अभी भी आस नहीं खोनी चाहिए क्योंकि छन्नी का एक परीक्षण अभी बचा हुआ है. और वह है उपयोगिता की छन्नी. जो बात तुम मुझे बतानेवाले थे, क्या वह मेरे किसी काम की है?”
“नहीं, ऐसा तो नहीं है”, परिचित ने कहा.
“बस, हो गया”, सुकरात ने कहा, “जो बात तुम मुझे बतानेवाले थे वह न तो सत्य है, न ही भली है, और न ही मेरे काम की है, तो मैं उसे जानने में अपना कीमती समय क्यों नष्ट करूं?

0 comments:

Effect of Thought

15:38 Nayisooch 0 Comments


                          Effect of Thought  (विचारो का प्रभाव)

दोस्तो हमारे विचार का हमारे जीवन मे बहुत महत्वपुणॆ योगदान है क्योकि हमारे विचार ही हमारा जीवन बनाता है या नस्ट कर देता है इससे हमारा व्यव्हार और अनेक प्रकार की समाजिक गतिविधिया दूसित या शुद होती है और शुद होनी की स्थिति मे जो हम  सही दिशा मे चाहते है वे पा लेते है और उसी के अनुरप हो जाते है.

                जो आज आप है वे आप अपने विचारो के प्रभाव से है
                                                                                                   -गोतम बुद्द
वास्तव मे इसी कारण की वजह से गरीब और गरीब ,धनवान और धनवान बनता जा रहा है क्योकि गरीब परिवेश  मे रह रहे लोग को निरन्तर ये समाज और खुद उनका परिवेश उन्हे हमेशा गरीबी का येहसास कराता है तथा वे न चाहते हुए भी अपने विचारो को गरीबी की दिशा मे ले जाते है और उन्हे परिणामस्वरुप उन्हे वही प्राप्त होता है पर दोस्तो कुछ लोगो को ये पडने मे थोडा अटपटा जरुर लगेगा कोई व्यकित गरीबी नही चाहता है पर मे आप से साफ-साफ कह दू कि कोई व्यकित गरीबी चाहता है तो ही उसे गरीबी मिलती है या फिर दूसरी भाशा मे गरीब गरीबी नही चाहता/इच्छा पर दोस्तो आपकी चाहत/इच्छा का मुख्य स्रोत आपका अपना विचार है जिस प्रकार पेड पर लगे हुए फल मुख्य तोर पर जड पर निभ्र्र करते है तथा जड मे अच्छे खाध्य पदाथ देकर अच्छे फल व खराब खाध्य पदाथ देकर खराब फल प्राप्त करते है उसी प्रकार इस लेख मे विचार(जड) इच्छा(फल) है. 

इसके विपरीत धनवान और धनवान होता जाता है क्योकि धनवान व्यकिती हमेशा धन के बारे मे अधिक्तर विचार करता है और प्रतिक्रिया स्वरुप उन्हे प्राप्त करने के नये-नये स्रोत प्राप्त कर और धनी बन जाते है
पर कुछ लोग अपने विचारो को परिवरतित कर नई-नई उपल्बधिया अर्जित की जैसे मे Shaddi.com के Office  का छोटू चायवाला आज उसी कम्पनी मे Web devloper  का  job  कर रहा है तथा आज धन का अच्छा स्रोत प्राप्त कर वे इसी तरह निरन्तर आगे बडने की और कोशिश मे लगा हुआ है पर दोस्तो उन हजारो मे से मै सिर्फ एक छोटू चायवाला  की बात कर रहा हू पर आज येसे अनेक छोटू चायवाला है तो दोस्तो अगर आप जो भी वर्ग से हो गरीब,मध्य्म या धनवान इससे आप को कोई भी फर्क नही पडता फर्क पडता है तो सिर्फ आपके अपने विचारो से,इसलिए दोस्तो आज अभी से अपने विचारो के प्रति सवेदनशील व सतर्क रहे.

0 comments:

Man or Great man

22:42 Nayisooch 1 Comments

                                        Man or Great man

 



इन्सान तो बहुत से पर उनमे से कुच्ह ही अलग मानव इतिहास रचते है और वास्तव मे  वही महान इन्सान है.
अक्सर  हम रोजमरा की ज़िन्दगी मे अपने आप की सुनते ही नही है जो की सही नही है अगर धीरुभाई अम्बानी,रिच्रद्र ब्रेन्दसन और माहात्मा गाधी आदि. इसलिए ज़िन्दगी मे अच्च्हे इन्सान बनने के लिय इन लोगो ने बहुत कुच्च्ह किया जिसमे ये कुच्च्ह है.

वासाना का त्याग-   रिच्रद्र ब्रेन्दसन(Richard Brandson) आज विरजन(Virigin) कम्पनी  के मलिक है जिनके पास खुद के रहने के लिये खुद का आईलेन्द है उनकी कम्पनी के खुद हवाई  जाहाज कितने ऐयरपोत पर यातारियो  को लेकर आवगमन करते है पर सुरुआती दिनो मे रिच्रद्र ब्रेन्दसन  ने अपने कुच्च्ह साथियो की मदद से मगजीन कम्पनी खोली थी जिसमे उन्होने लद्कियो को निसुल्क कम्पनी एम्प्लोय
 के तोर पर रखा  जिससे लद्के भी उस कम्पनी मे बिना पेसे के काम करने लगे पर धीरे धीरे कम्पनी के एम्प्लोय काम कम नसा ज्यादा करने लगे और ये पुरी तरह  नसा का अद्द्दा बन गया व कम्पनी पुरी तरह बन्द हो गयी पर उन्होने ने हार नही मानी और  आज वे इस सिखर पर पहुच गये,अगर उन्होने ने वासना का उसी समय त्याग नही किया होता तो वो आज के रिच्रद्र ब्रेन्दसन होते?

सिर्फ़ ध्यान अपने सपने पर- धीरुभाई अम्बानी(Dhirubhai ambani)भारत के जाने माने हस्ती ईनकी कम्पनी जो आज अरबो मे है पर इससे पहले  ये आम इनसान थे और इनके पिताजी आम अद्दापक थे और वे एक कस्बे मे रहते थे वे कम उम्र से हि उन्होने अपने सपने की तरफ़ कदम बदाया उन्होने सुबह घर घर जाकर अखबार  बाता करते और प्राप्त धन का 80% प्रतिशत रहिस होत्ल मे चाय पीने मे खर्च करते थे पर कस्बे के लोगो का मानना कुच्च्ह और ही था उन्हे ये लगता की ये अपना भविशेय बरबाद कर रहा है पर उन्होने सिर्फ़ ध्यान अपने सपने पर दिया महान धीरुभाई अम्बानी बनकर उन्होने बाद मे उन कस्बे के लोगो से कहा कि मै प्राप्त धन का ८०% प्रतिशत रहिस होत्ल मे चाय पीने मे खर्च नही करता था बल्कि बदे आदमी के रहने व उदने बदने का तरीका जानने जाता था अगर धीरुभाई अम्बानी उस समय कस्बे के लोगो के बारे मे सोचा या सुना होता तो वे धीरुभाई अम्बानी भारत के जाने माने हस्ती नही होते इसलिये सिर्फ़ ध्यान अपने सपने पर दिजिये.

Safe Zone का त्याग- दोनल्द तरुम्प(Donald Trump) जो आज जाने माने हस्ती है व आज अरबो के मालिक है पहले वे एक नम्बर के जिद्द्दी प्रवति के इनसान थे ईन्ही कारनो की वजह से उन्होने नेवी ज्वाईन कर ली और वहा के सबसे सख्त कमाद्दर के सबसे अच्च्हे सेनिक बन गये बाद मे उन्होने Safe Zone का त्याग का त्याग कर रियल स्तएत(Real state) के व्यसाय से जुध गये और कदी मेहनत व लगन के बाद आज अरबो के मालिक बन बेथे अगर उन्होने Safe Zone का त्याग नही किया होता तो आज ये दोनल्द तरुम्प नही होते इसलिये अलग करने के लिये Safe Zone का त्याग करना चाहिये.         

1 comments:

CEO quotes

11:19 Nayisooch 0 Comments


                                         CEO quotes


अगर आप लोगो को प्रेरित करना चाहते है तो आवाज आपके दिल से आनी चाहिए ताकि लोग आपकी बातों कुछ सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाएँ जिससे वक्ता आपके द्वारा कही गयी बातों से इतना प्रभावित हो जाए की वह सिर्फ यह कहे “yes we can”. 
                                                                             – जेफ़ वीनर (लिंक्डइन)
बॉब कहते है रचनात्मक प्रक्रिया में हमेशा चुनोतियाँ होती है जब भी मेरी रचनात्मकता की आलोचना होती है | तो में तहे दिल से इसका स्वागत करता हूँ में कॉम्पटीशन पर कभी फोकस नहीं करता | अगर आप यही देखते रहेंगे की लोग क्या कर रहे है तो आप यह भूल जायेंगे की आपको क्या करना है|                   
                                                              – बॉब आइगर ( वॉल्ट डिज्नी के चेयरमैन )
कुछ जरूरी है तो कितनी भी मुश्किलें क्यों न हो ,उस काम को करों | यदि विफलता जीवन में नही आ रही है तो समझों के आप कुछ इनोवेटिव नही कर रहे हो |
                                                                           – इलाँन मस्क (स्पेस एक्स)
उस काम को करें | जिसे करते हुए आप पूरी ज़िन्दगी गुजार सकते है फिर देखिये आप ज़िन्दगी भर काम नही करेंगे |  
                                                                             – मैरी बारा (जनरल मोटर्स)
ऐसी चीज़ तैयार करें , जिसे 100 लोग दिल से प्यार करें , न की ऐसी चीज़ जिसे लाखों लोग सिर्फ देखकर चल दे |
                                                                           ब्रायन चेस्की (एयरबीएनबी)
जब लोग हारने लगते है तो अच्छे काम करना छोड़ देते है | हार तय हो ,तब भी अच्छे बने रहो | इससे सफलता की संभावना बढती है |
                                                                            -जोनाह पैरेटटी (बजफीड)
लम्बे अनुभव से मैंने सीखा की लीडरशिप के लिए आशावादी होना जरूरी है |
                                                              -बॉब आइगर ( वॉल्ट डिज्नी के चेयरमैन )
अगर आपके अन्दर काम करने का जूनून है तो फिर यह फर्क नही पड़ता की आप पुरुष है या महिला | इसके लिए जूनून ही महत्वपूर्ण है क्यूंकि इसके द्वारा दुनिया को बदला जा सकता है |
                                                                              -मारिसा मेयर (याहू!)
जब हर तरफ परेशानी नजर आ रही हो,तब भी जीवन को सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया जाना चाहिए |
                                                                         –एलेक्सा टोबेल (लर्नवेस्ट)
आपका लक्ष्य ज्यादा पैसा कमाने की बजाय ज्यादा लोगो को खुश करना होना चाहिए क्यूंकि इसके द्वारा आप अपने Coustumers को ज्यादा खुश रख पायेंगे |
                                                                        -ब्लैक मायकोस्की (टॉमस शूज)
सफलता कभी भी अपने आप नही मिलती | इसके लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ता है आपको नियमों के साथ चलना आना चाहिए और प्रयास करते रहना चाहिए |
                                                                                 -जैक डोरसे (ट्विटर)
एक बात तो है की आप नियमों को पढ़कर चलना नही सीखते आप गिरते है तब चलना सीखते है इसलिए कोशिश करते रहिये |
                                                                              -रिचर्ड ब्रेनसन (वर्जिन ग्रुप)
                        


0 comments:

सफलता के कदम

10:54 Nayisooch 0 Comments

                         सफलता के कदम

 1. जरूरत और सपने
 2. उद्देश्य
 3. योजना
 4. विश्वास
 5. कर्म
जरूरत और सपने:
यह जीवन का सबसे बड़ा रहस्य है कि “क्या बात है कि कुछ लोगो को सफलता बहुत आसानी से मिल जाती है, जबकि कई लोगो को काफी मेहनत के बाद भी नहीं मिलती.”सच्चाई तो यह है कि हर कामयाब व्यक्ति में कुछ न कुछ विशेष गुण व योग्यता होती हैl मगर उससे भी खास बात यह होती है कि वे एक अच्छे सपने देखने वाले होते है उनके जीवन की तमाम इच्छाए उनके सपनो के साथ जुडी होती हैl कोई भी चीज तब तक नहीं मिल पाती, जब तक कि उसके बारे में एक विचार न जन्म ले , जब तक कि किसी के मन में उस चीज को लेकर कोई सपने न जन्म लेl सपने भविष्य का आइना होते है l हर कामयाब व्यक्ति के मन में अपने जीवन को बेहतर बनाने के कुछ सपने होते है… एक बेहतर भविष्य कि उम्मीदे होती है… उनके मन में कुछ न कुछ पहले से आभास भी होता है.. और वे उस दिशा में सब कुछ करते हैl जैसे-जैसे उनकी हिम्मत, उनकी इच्छा शक्ति मजबूत होती जाती है. इच्छा शक्ति किसी भी सपने के साकार होने में हौंसला बढानें का काम करती हैl आपकी इच्छा शक्ति आपको सपने देखने को उकसाती है l फिर जैसे जैसे आपके अंदर सपने विकसित होते जाते है तो आपके मन में जीवन और भविष्य कि एक साफ़ तस्वीर उभरनी शुरू हो जाती है l फिर आप इस दिशा में सोचना चालू करते है, कि किस तरह उन सपनो को साकार किया जाये l लोगो के सपनो को हम प्राय: इनके जीवन कि उदेश्य या “क्यों” मानते है l किसी भी लक्ष्य कि पाने कि लिए ‘कैसे’ का तो तब सवाल ही नहीं उठता, जब तक कि आदमी के मन में एक मजबूत ‘क्यों’ न होl इसलिए एक सफल व्यक्ति बनने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति तथा सपनों (‘क्यों’) की जरुरत होती है।
लक्ष्य (Goal) :
आपका जैसा उदेश्य होगा, आपके दिमाग में उसी तरह का खाका होगा, उसी तरह की तस्वीर होगी (“क्यों’’) अपने ‘लक्ष्य’ को पाने के लिए जरुरी है कि व्यक्ति के इरादे मजबूत हो और उसके मन में कुछ स्पष्ट सपने हो तथा उन्हें पाने की एक निश्चित तरीख होl हर कामयाब व्यक्ति हमेशा लक्ष्य निर्धारित करके लक्ष्यों के आधार पर जिंदगी में आगे बढता है l एसे व्यक्ति मुस्तैदी के साथ अपने लम्बे तथा कम समय में प्राप्त किये जाने वाले लक्ष्यों का निर्धारण एव पुनःनिर्धारण करते हैl उनके पास काम करने का अपना एक समयकर्म होता है l वे अपने लक्ष्यों को लिख लेते है और उन्हें हर वक्त अपने सामने रखते है. जैसे तस्वीर की शक्ल में, शीशे के ऊपर अथवा फ्रिज पर चिपका देते है ताकि हर वक्त उनका उदेश्य उनकी आँखों के सामने हो और उनके दिमाग में हर वक्त बना रहे।
योजना (Plan) :
प्लान बनाने से पहले सपने और ‘लक्ष्य’ दो खास चरण होते है. जिन पर आदमी को सबसे पहले मजबूत होना पड़ता है l लेकिन बिना योजना के केवल सपने देखना एक प्रकार से खयाली पुलाव होता है. कोई भी गोल तब तक नहीं पाया जा सकता जब तक कि एक पक्की सुनिश्चित कार्य योजना न बना ली जाये सफलता के लिए पक्की कार्य योजना और timeline का होना बहुत जरुरी है कोई भी व्यक्ति नाकामयाब तभी होता है जब उसकी योजना नाकामयाब हो जाती है आदमी तब तक नाकामयाब नहीं हो सकता जब तक की उसकी योजना दुरुस्त है l विशेषज्ञो का कहना है कि हम अपना भविष्य बनाने की अपेक्षा अपनी छुट्टियां बिताने के लिय कहीं ज्यादा प्लानिंग करते है। कामयाबी के लिए योजनाओ का पक्का इरादा होना सबसे खास सूत्र हैl जब तक आपको यह मालूम नहीं होगा कि आपको कहा जाना है या कहानी पहुचना है तब तक आपका सफ़र खत्म नहीं होगा l आप यु ही भटकते रहेगे l इस तरह हर लक्ष्य तक पहुचने के लिया योजनाओ का तय होना बहुत जरुरी है है l हमारे धार्मिक गुरुओ का कहना है कि हम जो प्रार्थना करते है या जो ईश्वर से मांगते है वह इसलिए नहीं होता है कि वह चीज हमें एकदम से मिल जाए, बल्कि वह इसलिय होता है कि ईश्वर हमे उस चीज को पाने के लिए उर्जा दे, शक्ति दे, विचार दे, योजनाए दे, जिससे हमें वह चीज हासिल करने में सक्षम हो सकें।
विश्वास (Belief):
कहते है कि असफलता का जो सबसे कठिन हिस्सा होता वह यह है कि आपको अपने पर कितना विश्वास है कि आप अपने काम में सफल होंगे ही. जब तक आपको अपने पर भरोसा नहीं होगा आप सफल ही नहीं हो पायेगे, बिना इसके आप ठीक से कोशिश नहीं कर सकते.
डॉक्टर डेविड श्वार्ट्स अपनी पुस्तक “The Magic of Thinking Big” में कहते है कि “कामयाब तो हर आदमी होना चाहता है… इसी तरह कामयाबी के बारे में सबसे खास बात बाइबिल में कही गई है कि विश्वास से तो पहाड़ को भी हिलाया जा सकता है l आपने अगर अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा कर लिया तो समझ लिजीये कि आप जीत गए l आत्मविश्वास से किसी भी काम को करने और उस तक पहुचने कि एक साफ़ तस्वीर उभर के सामने आने लगती है l आत्मविश्वास से कामयाबी के प्रति मन में भरोसा पैदा होता है l
हर कामयाब व्यक्ति अपने जीवन में कामयाब होने के लिए आत्मविश्वास को जरुरी चीज मानता है. एमवे (Amway) कारपोरेशन के अध्यक्ष रिच डिवोस ने अपनी पुस्तक “बिलीव” में लिखा है कि जिन लोगो के लक्ष्य बहुत छोटे होते है वे जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर पाते है l जिंदगी इस ढंग से नहीं चलतीl मैं समझता हू कि जीवन में कुछ पाने के लिए जो सबसे खास बात है वह यह है कि आदमी के अंदर यह विश्वास होना चाहिए कि मैं कर सकता हू.
यह बहुत ही शक्तिशाली वाक्य है आदमी ‘जो पाना चाहता है’ और ‘क्या वह उसके लिए मुमकिन है’, इन दोनों बातो में बहुत फासला होता है लेकिन सबसे पहले उसके अंदर यह विश्वास होना चाहिए ‘वह कर सकता है’ l जब तक आपके अंदर यह विश्वास पैदा नहीं होगा कि आप यह कर सकते है तब तक आप उस काम को करने के लिए आगे बढ़ नहीं सकते – इसलिए सबसे पहले अपने भीतर भरोसा पैदा कीजिए।
कर्म :
किसी भी चीज को पाने के लिए तमाम इच्छाए, सपने, योजनाएं, प्रार्थनाए तथा विश्वास तब तक कामयाब नहीं हो सकते जब तक की उसके लिए कार्यरत न हो जाए, एक्शन सफलता कि पांचवी सीढी है l जीवन में आगे बढने के लिए कोशिश जरुरी है l हर सक्षम और सफल व्यक्ति के पास इस सवाल का जवाब होता है कि “क्या मैं अपने सपनो के प्रति गंभीर हू? और क्या अपने लक्ष्यों के प्रति कार्य करने को तैयार हू? अपने सपनो को साकार करने के लिए एक मजबूत और सही कोशिश जरुरी होती है l आपके पास काम करने कि एक योजना होनी चाहिए l और योजना एसी होनी चाहिए, जो आपके सपनो और लक्ष्यों को पूरा कर पाने में मददगार साबित हो सके l आपको यह निश्चित करना होगा कि आप जो कार्य करने जा रहे है वह ‘क्यों’ करने जा रहे है और आप उसके लिए कितने गंभीर है?”

0 comments: