कैसे भूलें अपनी गलतियों को : स्वयं को माफ़ करने के 5 तरीके
कैसे भूलें अपनी गलतियों को : स्वयं को माफ़ करने के 5 तरीके
कुछ महीने पहले की बात है, मेरी एक मित्र से अनबन हो गयी। हर गलतफहमियों की तरह ये भी तेजी से और अचानक हुआ।
बात ये थी की मेरा दोस्त मुझे एक नेटवर्किंग बिज़नेस में ज्वाइन करने के लिए
मना रहा था, जिसके लिए मैंने उसे नम्रतापूर्वक कई बार मना करने का प्रयास
किया था। ये सिलसिला कयी दिनों तक चलता रहा लेकिन फिर भी मैं ये सहता
रहा, और फिर मेरा दोस्त मेरे दोस्त जैसा कम और सेल्समेन जैसा ज्यादा
व्यवहार करने लगा।
और फिर इसी बीच उसने कुछ ऐसी टिप्पणी कर दी जिसे मैं अपना अपमान समझ
बैठा और मेरे धैर्य का बांध टूट गया। मैं तुरंत गुस्से में उसे खरी खोटी
सुनाकर उस जगह से हट गया। उस समय तो मुझे लगा की मैंने सही किया लेकिन
बाद में मुझे अहसास हुआ कि मैं उसके कहने के मतलब को गलत समझ बैठा और
जल्दबाजी में निर्णय ले बैठा।
हालाँकि बाद में अपनी गलती के लिए मैंने उससे माफ़ी मांग ली लेकिन फिर भी
मुझे ये अहसास था की ये एक बड़ी गलती थी और इससे हमारी दोस्ती टूट भी सकती
थी और रहीम कवि का ये दोहा बार बार स्मरण में आ जाता था :
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाय। ,
इस घटना से मैंने ये सीखा की अपने आप को और अपनी गलतियों को माफ़ करने में
कुछ बातें बेहद सहायक होती हैं, इन्ही बातों को आपसे साझा कर रहा हूँ :
1. दूसरों को दोष देना बंद करें :
अपने आप को माफ़ करने से पहले ये जान लेना जरुरी है कि आखिर आपने किया क्या
था। आपके साथ हुयी घटना को विस्तार से लिख लें और अपने उन बातों को भी
लिखें जिससे उस घटना के घटने में मदद मिली हो। किसी और व्यक्ति या
परिस्थितियों को दोष देने से बचें और सिर्फ अपने आप पर ध्यान केंद्रित
करें। हो सकता है ऐसे करते समय आप असहज महसूस करें।
मेरी परिस्थिति में मैं सिर्फ अपने दोस्त के आक्रामक व्यवहार को ही देख
पाया और अपनी प्रतिक्रिया को सही ठहराया, लेकिन सारी घटना को विस्तार से
लिखने और एनालाइज करके सिर्फ अपने कर्मो पर ध्यान देकर मुझे महसूस हुआ की
मैंने उसकी बातों का गलत अर्थ निकल कर निर्णय लिया।
2. माफ़ी मांगने में संकोच न करें :
कुछ इस तरह हमने अपनी जिंदगी आसान कर ली ,
कुछ को माफ़ कर दिया और कुछ से माफ़ी मांग ली।
हालाँकि माफ़ी मांगना इतना आसान नहीं होता लेकिन अगर आप किसी से माफ़ी मांगने
के लिए पहल करते हैं तो ये दर्शाता है कि आपसे गलती हुयी थी और आप उसके
लिए शर्मिन्दा हैं, और इस तरह आप वैसी गलतियों को दोहराने से बच जाते हैं।
3. नाकारात्मक विचारों को उत्पन्न होते ही त्याग दें:
कभी कभी माफ़ किये जाने पर भी हम अपने आप को माफ़ नहीं कर पाते। हालाँकि मेरी
मेरे मित्र से सुलह हो गयी थी लेकिन फिर में मुझे अपने अपनी गलतियों पर
समय समय पर पछतावा होता रहता था, बाद में धीरे धीरे मुझे ये समझ में आ गया
की स्वयं को माफ़ करना एक बार में ही संभव नहीं है, यह धीरे-धीरे समय के साथ
परिपक्व होता है। इसलिए जब भी आपके मन में नाकारात्मक विचार आये गहरी सांस
लेकर उसे उसी समय निकल दें और अपना ध्यान कहीं और लगायें, या इस तरह की
कोई प्रक्रिया जिसे आप पसंद करते हों अपनाएँ।
4. शर्म के मरे छुपने की वजाय सामने आईये :
अपनी किसी भयंकर गलती के बाद शर्म से छुप जाना बिलकुल भी अच्छा नहीं है।
अपनी गलती के बाद मैं अपने दोस्त से नजरें मिलाने में झिझक रहा था क्यूंकि
मुझे डर था की कहीं वह मुझे पिछली बात को याद न करा दे, लेकिन जैसे ही मैं
उससे मिलने की हिम्मत जुटा पाया मैंने महसूस किया कि मेरा डर गलत था।
5. अपनी गलतियों के लिए आभारी बने :
अपनी गलतियों के प्रति आभारी होना आपको बिलकुल विचित्र लगेगा खासकर वैसी
गलतियां जिनसे आपको शर्मिंदगी महसूस हुयी हो या दुःख पहुंचा हो लेकिन अगर
आप गौर से एनालाइज करेंगे तो पाएंगे कि ऐसी की गयी गलतियों ने आपको कितना
मजबूत और सुदृढ़ किया है। आप ये देख पाएंगे कि इन्ही गलतियों की वजह से ही
आप अधिक बुद्धिमान, मजबूत और विचारशील हो पाये हैं।
इन्ही गळतोयों की वजह से ही मैं किसी भी बात पर जल्द निर्णय लेने से बचता
हूँ और जब भी मैं परेशान होता हूँ तो मैं समय लेकर सोच विचार करके ही आगे
की बातों को तय करता हूँ।
आपने स्वयं को माफ़ करने में किन बातों से मदद पायी है हमें जरूर बताएं,
आपकी बातें अगर किसी और की मुश्किलें आसान करने में सहायक होंगी तो हम
उन्हें इस पोस्ट में ऐड कर देंगे ताकि ढेर सारे लोग उन्हें पढ़ सकें।
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